सोमवार, 13 सितंबर 2010

इंदौर. तमाम तरह की जांच करवाने के बाद भी जब कमल पटेल की बीमारी पकड़ में नहीं आई तो 21 दिन बाद शुक्रवार शाम उन्हें जेल भेज दिया गया। अब पटेल को डिप्रेशन का मरीज बताकरभर्ती करवाने की संभावना जताई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार भंडारी अस्पताल प्रबंधन ने जो पत्र भेजा है उसमें पटेल के डिप्रेशन में होने की बात भी कही गई है। डिस्चार्ज के पहले डॉ. वी.एस.पाल और डॉ. आशीष पटेल इलाज कर रहे थे। पत्र मिलने के बाद प्रभारी अधीक्षक डॉ. वी.एस. पाल ने अधीनस्थों की मीटिंग बुलवाई।नियमों को लेकर भी उलझन रही, क्योंकि कोरोनरी एंजियोग्राफी के लिए भेजते समय पटेल को डिस्चार्ज किया गया था। अब भंडारी अस्पताल से उन्हें एमवायएच नहीं ला सकते। वहीं देर शाम जिला जेलर श्यामसिंह बघेल ने पुष्टि करते हुए कहा कि पटेल को जेल शिफ्ट कर दिया गया है। डिप्रेशन के इलाज के बारे में उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
कोर्ट के अगले निर्देश तक रिमांड
पटेल को 3 जून तक सीबीआई कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा था। अस्पताल में भर्ती होने से जेल प्रशासन उन्हें कोर्ट में पेश नहीं कर पाया। इस पर पीड़ित पक्ष ने आपत्ति ली थी। कोर्ट ने 7 जून तक पटेल की मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी।
7 जून को जेल प्रशासन ने कहा रिपोर्ट में वक्त लगेगा। इसके बाद जमानत याचिका खारिज हुई और उन्हें कोर्ट के अगले आदेश तक न्यायिक हिरासत में रहना पड़ेगा।
इंदौर. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कमल पटेल की जमानत याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। दुर्गेश जाट हत्याकांड में साक्ष्यों को मिटाने के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेजे गए पटेल की जमानत याचिका पर जस्टिस सुधा वाघमारे की कोर्ट में सुनवाई हुई।
पटेल के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले रामविलास जाट के वकील समीर वर्मा ने बताया कोर्ट ने आठ पेज के अपने आदेश में पटेल और राज्य सरकार की एजेंसियों पर भी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा मृतक की लाश अभी तक नहीं मिली और पटेल के खिलाफ जांच जारी है, ऐसे में वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
पटेल ने पहले भी जांच प्रभावित करने की कोशिश की है। हाई कोर्ट ने जबलपुर बेंच के उस आदेश का उल्लेख भी किया जिसमें जांच में राज्य की एजेंसियों द्वारा गंभीरता नहीं दिखाने का हवाला दिया गया है।
इंदौर & कोरोनरी एंजियोग्राफी के नाम पर भंडारी अस्पताल में चार दिनों से भर्ती पूर्व मंत्री कमल पटेल को बुधवार को भी डिस्चार्ज नहीं किया गया। सीटी एंजियोग्राफी व अन्य जांच रिपोर्ट भी देर शाम एमवायएच प्रशासन को सौंपी गई। इसलिए बात अब गुरुवार तक टल गई। दिनभर कोई अधिकारी यह बताने को भी तैयार नहीं था कि पटेल को बीमारी है या नहीं? रविवार से लेकर मंगलवार तक भंडारी अस्पताल में डॉक्टरों ने सीटी एंजियोग्राफी, लिपिड प्रोफाइल, इको, टीएमटी, एंडोस्कोपी व सामान्य ब्लड की जांचें करवाई जबकि इन जांचों के लिए पटेल को भेजा ही नहीं गया था। सीटी एंजियोग्राफी को छोड़कर सारी जांचें एमवायएच में हो चुकी थीं। ये रिपोर्ट बुधवार सुबह जेल और एमवायएच प्रशासन को दी जाना थी लेकिन दोपहर तक अस्पताल प्रशासन को रिपोर्ट नहीं मिली। अचानक शाम को एमवायएच अधीक्षक कार्यालय में मीटिंग बुलवाई गई ताकि पटेल की बीमारी को लेकर किसी निर्णय पर पहुंचा जा सके। ऐनमौके पर अस्पताल प्रशासन ने गेंद मेडिसिन विभाग के पाले में डाल दी। अब पटेल की रिपोर्ट पर मेडिसिन विभाग के डॉक्टर अपना मत देंगे। इसलिए बात गुरुवार तक टल गई है। डॉक्टरों की राय के बाद तय होगा कि पटेल का आगे इलाज किया जाए या नहीं? इस बारे में एमवायएच अधीक्षक डॉ. सलिल भार्गव ने बताया पटेल के डिस्चार्ज को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता है। मेडिसिन विभाग केे डॉक्टरों के सुझाव के बाद हम जेल प्रशासन को सूचना दे देंगे। जब सीटी एंजियोग्राफी के लिए भंडारी अस्पताल भेजने के बारे में पूछा तो उनका कहना था हमने कोरोनरी एंजियोग्राफी के लिए भेजा था।
भंडारी अस्पताल में की गई जांच के बारे में वे कुछ नहीं बोले। इस झमेले के बीच बुधवार को भी पटेल अरबिंदो इंस्टिट्यूट में भर्ती रहे। वहां दिनभर क्या जांच की गई, ये कोई नहीं बता पाया। सूत्रों के अनुसार जमानत याचिका केे इंतजार में इलाज के नाम पर लेटलतीफी की जा रही है।10/6/2010 क्यों करवा रहे हैं कमल पटेल की एंजियोग्राफी भास्कर न्यूज First Published 10:00[IST](08/06/2010)Last Updated 10:38 AM [IST](08/06/2010)इंदौर. कोर्ट ने कमल पटेल पर लगे आरोप को गंभीर मानते हुए पहले न्यायिक हिरासत में जेल भेजा और फिर बेटे की शादी में शामिल होने की अनुमति भी नहीं दी मगर अस्पताल में वह अपने राजनीतिक दबाव का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। 15 दिन में बीमारी का पता नहीं लग पाना और अब रिपोर्ट बदलने की बात पर अस्पताल प्रशासन का गोलमोल जवाब इसी ओर इशारा करता है। पटेल की बीमारी को लेकर मामला उलझता ही जा रहा है। एमवायएच में तीन बार मेडिकल बोर्ड ने पटेल का परीक्षण किया। दूसरी बार परीक्षण के समय बीमारी समझ नहीं आने पर जब पटेल सीने में दर्द की शिकायत कर रहे थे, तब से ही एंजियोग्राफी की बात सामने आई थी। अब एक और नई बात सामने आई, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मेडिकल बोर्ड ने सीटी एंजियोग्राफी के लिए लिखा था न कि एंजियोग्राफी। सीटी एंजियोग्राफी एमवाय में भी होती है। सोमवार को एमवाय में दिनभर इसी बात पर चर्चा होती रहीं।
दरअसल मेडिकल बोर्ड परीक्षण के बाद अस्पताल प्रशासन यही बताता रहा कि एंजियोग्राफी के लिए जेल प्रशासन से अनुमति नहीं मिली है। कागजी खानापूर्ति में देरी का हवाला देते हुए छह दिन बिता दिए। तीसरी बार मेडिकल बोर्ड ने क्या जांचें लिखीं, इसे भी गोपनीयता का हवाला देते हुए सार्वजनिक नहीं किया।
ये है सीटी एंजियोग्राफी
> सीटी एंजियोग्राफी में मरीज के हार्ट व आसपास के छोटे-छोटे हिस्सों में एक्स-रे लिए जाते हैं। इसके पहले अन्य किसी जांच की जरूरत नहीं होती।
> कोरोनरी एंजियोग्राफी में कैथलैब में डाई डालकर देखा जाता है कि दिल की किस धमनी में रुकावट आ रही है।
उठे सवाल
> दूसरी बार मेडिकल बोर्ड ने सीटी एंजियोग्राफी लिखी या एंजियोग्राफी? टीएमटी, इको और लिपिड प्रोफाइल जांच तो एमवाय में करवाई जा चुकी है।
> क्या एंजियोग्राफी के लिए मरीज को दो दिन भर्ती रखते है? डॉक्टरों के अनुसार एंजियोग्राफी में भी अधिक से अधिक 15 से 20 घंटे लगते हैं। इसके बाद 3 से 4 घंटे मरीज की निगरानी रखी जाती है।
ये डॉक्टर थे मेडिकल बोर्ड में
दूसरी बार मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों ने सिटी एंजियोग्राफी का सुझाव दिया था। इस बोर्ड में मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. जी.बी. रामटेके, सर्जरी विभाग विभाग से डॉ. सुमित शुक्ला और हड्डी रोग विभाग से डॉ. लक्ष्मण बनोधा शामिल थे।
नहीं हुई एंजियोग्राफी
विजयनगर स्थित भंडारी अस्पताल में एंजियोग्राफी के लिए भर्ती पूर्व मंत्री और हरदा विधायक कमल पटेल की सोमवार को भी एंजियोग्राफी नहीं हो पाई। डॉक्टरों ने पूरा दिन लिपिड प्रोफाइल, इको और टीएमटी जांच करवाने में बिता दिया। ये सभी वही जांच है जो एमवाय अस्पताल में डॉक्टर करवा चुके हैं। सुबह से शाम तक जांच होती रही,
डिप्रेशन में है पटेल : दिल के बाद डॉक्टरों ने दिमाग की बीमारी बताई, दो बार मनोरोग विशेषज्ञों से जांच भी कराई जा चुकी है और दोनों ही बार डॉक्टर ने डिप्रेशन में होना बताया था। हालांकि डिप्रेशन की बात पर अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे है। न ही यह बताने को तैयार है कि पटेल किस तरह के डिप्रेशन के शिकार हैं। इस बारे में डॉ. वी.एस. पाल से पूछने पर वे सहम गए। और बचते-बचाते बोले कि मरीज की बीमारी पर बात नहीं करूंगा। इस मरीज के बारे में तो बिल्कुल भी नहीं बता सकता।
ञ्चमेडिकल बोर्ड ने सिटी एंजियोग्राफी और कोरोनल एंजियोग्राफी में से मरीज की तबीयत के अनुसार बेहतर विकल्प के लिए लिखा था। कोरोनरी एंजियोग्राफी बेहतर है। इसलिए यह करवाई जा रही है।
डॉ. वी.एस. पाल, प्रभारी एमवाय अस्पतालदुर्गेश हत्याकांड : फिर हुई कमल पटेल की जांचNeeta SisodiaFirst Published 00:00(17:3//[IST])Last Updated 5:39 PM [IST](07/06/2010)
इंदौर. चर्चित दुर्गेश हत्याकांड में साक्ष्य छुपाने के आरोपी पूर्व मंत्री और हरदा विधायक कमल पटेल की भंडारी अस्पताल में इंजियोग्राफी को लेकर कई जांचें की गईं। श्री पटेल पिछले कई दिनों से एमवाय अस्पताल में भर्ती थे। रविवार को ही उन्हें भंडारी अस्पताल शिफ्ट किया गया था। अस्पताल प्रबंधन ने आज उनकी ईको, टीएमटी और लिक्विड प्रोफाइल आदि जांचें फिर से करवार्इं। हालांकि, ये सारी जांच एमवाय अस्पताल में पहले भी करवाई जा चुकी हैं। एंजियोग्राफी को लेकर भंडारी अस्पताल के प्रशासक डॉ. बी.एल. भटनागर का कहना है कि शाम तक तय होगा कि यह करवाई जाए या नहीं।
एंजियोग्राफी के लिए पटेल को भंडारी अस्पताल भेजा
Bhaskar NewsFirst Published 07:00[IST](07/06/2010)Last Updated 7:36 AM [IST](07/06/2010)
patelइंदौर. बेटे की शादी वाले दिन रविवार को आखिरकार पूर्व मंत्री और हरदा विधायक कमल पटेल को एंजियोग्राफी के लिए विजयनगर स्थित भंडारी अस्पताल शिफ्ट किया गया। सुबह 11.30 बजे पटेल को एमवाय अस्पताल से ले जाते समय काफी गहमागहमी रही।
हत्या के साक्ष्य छिपाने के आरोप में गिरफ्तार पटेल की एंजियोग्राफी को लेकर काफी समय से माथापच्ची हो रही है। एमवायएच में भर्ती पटेल का मेडिकल बोर्ड तीन बार परीक्षण कर चुका है। मेडिकल बोर्ड ने दूसरी बार स्वास्थ्य परीक्षण करने के दौरान पटेल द्वारा सीने में दर्द की शिकायत करने पर एंजियोग्राफी जांच करवाने के लिए कहा था। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच की अनुमति के लिए जेल प्रशासन को पत्र लिखा था आठ दिनों से मामला टल रहा था। इस बीच जेल प्रशासन ने भंडारी अस्पताल से बात कर अनुमति दे दी। हालांकि रविवार को ही पटेल के बेटे की उज्जैन में शादी है और शादी वाले दिन ही पटेल को भंडारी अस्पताल में शिफ्ट करने को लेकर दिनभर चर्चाएं होती रही।
पूरा दिन आराम किया
पटेल को भंडारी अस्पताल ले जाया गया लेकिन जांच नहीं हो पाई। पूरा दिन उन्होंने आराम किया। वैसे सामान्य रूप से किसी मरीज की एंजियोग्राफी में तीन-चार घंटे लगते हैं। डॉक्टरों के अनुसार सुबह एंजियोग्राफी की जाए तो भी शाम तक डिस्चार्ज किया जा सकता है।
पटेल की एंजियोग्राफी इसलिए नहीं की गई क्योंकि डॉक्टरों के अनुसार भूखे पेट जांच होती है। उसके बाद एंजियोग्राफी की जाती है। इसलिए रविवार को नहीं की गई। अस्पताल के प्रशासक डॉ. बी.एल. भटनागर ने बताया कि सोमवार को एंजियोग्राफी की जाएगी। सूत्रों के अनुसार जानबूझकर रविवार का दिन टाला गया है। जब एमवायएच के डॉक्टरों को इस बारे में पता था तो फिर भूखे पेट आरोपी को क्यों नहीं भेजा।
फिर पटेल की बीमारी नहीं समझ पाए डॉक्टर
भास्कर न्यूज़First Published 03:00[IST](05/06/2010)Last Updated 3:21 AM [IST](05/06/2010)इंदौर. एमवायएच में इलाज करवा रहे हरदा विधायक और पूर्व मंत्री कमल पटेल की बीमारी की जानकारी अदालत द्वारा मांगे जाने से डॉक्टरों में हड़कंप मच गया है। संभवत: इसके मद्देनजर शुक्रवार को तीसरी बार मेडिकल बोर्ड ने पटेल का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
इस बार भी एक घंटा डॉक्टरों ने जांच की लेकिन कोई ठोस बीमारी का पता नहीं लगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस झमेले से बचने के लिए बोर्ड ने मनोरोग विशेषज्ञ से भी राय लेने का मन बनाया है। इसके पहले भी पटेल का दो बार मेडिकल बोर्ड से जांच हो चुकी है। इससे शंका है कि पटेल को कोई बीमारी है भी या नहीं।
तीसरी बार मेडिकल बोर्ड हुआ, क्या बीमारी है पटेल को?मेडिकल बोर्ड ने परीक्षण कर उपचार लिख दिया है। बीमारी के बारे में हम सिर्फ कोर्ट को बताएंगे।डॉक्टरों को बीमारी क्यों समझ नहीं आ रही?नहीं,उन्हें कई बीमारियां हैं और उनका उपचार भी किया जा रहा हैमनोरोग विशेषज्ञ ने लिखा है कि पटेल डिप्रेशन में हैं?
नहीं, इस बारे में कुछ नहीं बता सकता लेकिन वे मनोरोगी हैं। डॉक्टर ने यूनिट के डॉक्टरों को पटेल की बीमारी के बारे में बता दिया है। उसके अनुसार इलाज किया जाएगा।(एमवायएच अधीक्षक डॉ. सलिल भार्गव से सीधी बात)दुर्गेश हत्याकांड:मनोरोगी हो गए हैं कमल पटेल!Neeta SisodiaFirst Published 00:00(17:2//[IST])Last Updated 6:28 PM [IST](01/06/2010)इंदौर. कयास लगाए जा रहे हैं कि दुर्गेश जाट हत्याकांड में साक्ष्य छुपाने के आरोपी हरदा विधायक कमल पटेल मानसिक रोगी हो गए हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि मनोरोग चिकित्सकों ने आज उनकी जांच की है। वहीं इस जांच से एमवाय अस्पताल के डॉक्टरों पर सवालिया निशान उठने लगे हैं, क्योंकि बिना मेडिकल बोर्ड की अनुमति के ही जांच की गई है और उनकी एंजियोग्राफी को लेकर जमकर टालमटोल की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले शुक्रवार को कोई बीमारी समझ में न आने के कारण मेडिकल बोर्ड ने उनकी एंजियोग्राफी के लिए लिखा था, लेकिन चार दिन बाद भी यह जांच कागजी खानापूर्ति का बहाना बनाकर टाली जा रही है। मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन यह कहकर पल्ला झाड़ रहा है कि जांच महंगी है और इसके लिए जेल प्रशासन की अनुमति भी चाहिए। वहीं दूसरी ओर सोमवार को मनोरोग विशेषज्ञ को श्री पटेल की जांच के लिए भेज दिया गया। नियमों के अनुसार जब भी कैदी या इस तरह के किसी आरोपी का परीक्षण किया जाता है तो बाकायदा एक मेडिकल बोर्ड बनाया जाता है। बोर्ड में उसी विभाग के डॉक्टरों का पैनल रहता है। मामले को लेकर जब मनोरोग विभाग से संपर्क किया गया तो विभाग के अधिकारी पल्ला झाडऩे की कोशिश करते रहे।
पटेल की जमानत अर्जी पर हाई कोर्ट में आपत्ति
भास्कर न्यूज़First Published 02:00[IST](01/06/2010)Last Updated 2:22 AM [IST](01/06/2010)इंदौर. पूर्व मंत्री कमल पटेल की जमानत अर्जी पर दुर्गेश जाट के पिता ने हाई कोर्ट में आपत्ति पेश कर जमानत अर्जी खारिज करने की मांग की है। सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद पटेल 3 जून तक न्यायिक हिरासत में हैं।
यद्यपि फिलहाल वे इलाज के लिए एमवाय अस्पताल में भर्ती हैं। जिला अदालत द्वारा पटेल की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दायर की गई है जिस पर हाई कोर्ट ने सीबीआई को केस डायरी पेश करने को कहा है।
उधर, दुर्गेश के पिता रामविलास की ओर से अधिवक्ता समीर वर्मा ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जमानत अर्जी निरस्त करने की मांग करते हुए कहा है जमानत मिलने पर पटेल द्वारा शेष साक्ष्य मिटाने के प्रयास किए जाएंगे। जमानत अर्जी के संदर्भ में संभवत: 7 जून को बहस हो सकती है।
हत्याकांड में फंसे भाजपा विधायक कमल पटेल की याचिका खारिज
Nikhil SuryavanshiFirst Published 05:00(15:1//[IST])Last Updated 7:25 PM [IST](24/05/201इंदौर. हरदा में कोई सवा दो साल पहले हुए दुर्गेश जाट की गैर इरादतन हत्या के साक्ष्य छिपाने के आरोप में प्रदेश के पूर्व राजस्व मंत्री एवं हरदा के वर्तमान विधायक कमल पटेल की जमानत अर्जी जिला अदालत ने खारीज कर दी। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को हुई पेशी में विशेष अदालत ने श्री पटेल को 3 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए थे। उसके बाद से वे तबीयत खराब होने से एमवाय अस्पताल में भर्ती हैं।
विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) आरके जोशी ने शनिवार दोपहर इस तर्क के साथ जमानत अर्जी खारीज कर दी कि पूर्व में अन्य आरोपियों को जिन आधारों पर जमानत मिली, वह बात अलग है। पटेल उस वक्त मंत्री थे और उन्होंने मंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए साक्ष्य छिपाए। इस कारण पुलिस ने जांच में रुचि नहीं ली जिससे जांच प्रभावित हुई है। यह गंभीर किस्म का मामला है और इसमें उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। बताया जा रहा है अब पटेल जमानत के लिए हाई कोर्ट में गुहार लगाएंगे।
मप्र के पूर्व मंत्री कमल पटेल गिरफ्तार
Bhaskar NewsFirst Published 06:00[IST](21/05/2010)Last Updated 9:50 AM [IST](21/05/2010)kamal patelभोपाल. सीबीआई लखनऊ की टीम ने गुरुवार रात पूर्व मंत्री और हरदा के भाजपा विधायक कमल पटेल को गिरफ्तार कर लिया। इसके पूर्व भेल के नर्मदा गेस्ट हाउस में उनसे लंबी पूछताछ हुई। पटेल पर दुर्गेश जाट प्रकरण में षडच्यंत्र रचने और साक्ष्य छुपाने का आरोप है।
सूत्रों के अनुसार सीबीआई टीम सुबह पटेल के चार इमली स्थित आवास पहुंची। वहां से उन्हें पूछताछ के लिए पहले नर्मदा गेस्ट हाउस ले जाया गया। लंबी पूछताछ के बाद रात में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सूत्र बताते हैं कि पूछताछ के दौरान पटेल ने सीबीआई अफसरों से काफी बहस की।
पटेल को दुर्गेश जाट मामले में षडच्यंत्र रचने और साक्ष्य छुपाने का आरोपी बनाया गया है। बताया जाता है कि कमल पटेल को शुक्रवार को इंदौर की अदालत में पेश किया जाएगा। मप्र हाईकोर्ट के निर्देश पर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई की लखनऊ टीम कर रही है।
दो साल पुराना मामला : कांग्रेस नेता राजेंद्र पटेल से कमल पटेल के बेटे सुदीप और दुर्गेश का 5 मार्च 2008 को विवाद हो गया था। इसके बाद सुदीप अपने दोस्तों के साथ राजेंद्र के घर जा धमका। वहां गहमागहमी के बीच गोली चल गई। इस घटना के बाद से सुदीप का मित्र दुर्गेश लापता है। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सुदीप पटेल व अन्य के खिलाफ सीबीआई ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। इसके पूर्व सीबीआई टीम कई बार हरदा और भोपाल में पटेल के पुत्र से पूछताछ कर चुकी है।
पटेल समर्थकों ने फिर किया चक्काजाम
विधायक कमल पटेल के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के विरोध में एक बार फिर रविवार को चक्काजाम कर दिया। पटेल समर्थको ने हरदा-खंडवा स्टेट हाईवे पर मांदला बाजार में बीच सड़क पर खड़े होकर आवागमन रोक दिया। सड़क पर भाजपाइयों के खड़े होने से वाहनों के पहिए थम गए। दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई। करीब आधा दर्जन गांवों के १५०-२०० भाजपाइयों ने सीबीआई द्वारा श्री पटेल की गिरफ्तारी को राजनैतिक वैमनस्यता भरी कार्रवाई बताते हुए उन्हें तुरंत रिहा करने की मांग की।
भाजपाइयों के चक्काजाम करने की सूचना हरदा पुलिस को मिली और यहां से पुलिस बल रवाना किया गया। इस बीच खिरकिया तहसीलदार को सूचना मिली तो वे तुरंत पहुंचे। तहसीलदार एके रिछारिया ने चक्काजाम कर रहे भाजपाइयों को समझाइश देते हुए कहा कि सीबीआई की कार्रवाई के विरोध के लिए ज्ञापन वे तुरंत राष्ट्रपति को भेजने की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने भाजपाइयों से सड़क पर से हट जाने को कहा। ज्ञापन देने के बाद मांदला, बारंगी, बारंगा, बम्हनगांव, इबाला, खमलाय आदि गांवों से आए भाजपाई सड़क पर से हट गए। करीब १५ मिनट बाद आवागमन फिर चालू हुआ।
एमवायएच की ना से पटेल जेल में
इंदौर। 20 दिनों तक एमवाय में इलाज करवाने के बाद पटेल को एंजियोग्राफी के लिए भंडारी अस्पताल भेजा गया था। भंडारी हॉस्पिटल ने भी दो दिनों तक औपचारिक इलाज के बाद उन्हें अरबिंदो मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (सेम्स) भेज दिया था। बुधवार को जांच के बाद गुरुवार को रिपोर्ट एमवाय अस्पताल और जेल प्रशासन को भेजी गई थी।
इस रिपोर्ट को मेडिकल बोर्ड ने भी देखा और पटेल को स्वस्थ बताया। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को पटेल को जेल भेजने के पूर्व भंडारी अस्पताल प्रशासन ने एक औपचारिक पत्र लिखकर एमवाय प्रशासन से यह पूछा था कि क्या वे पटेल का इलाज या कोई जांच करना चाहते हैं। एमवाय अस्पताल द्वारा उत्तर में भेजे गए पत्र में ना कहते हुए यह भी लिखा गया कि हम पटेल का पूरा इलाज कर चुके हैं और अब उनकी किसी प्रकार की जांच बाकी नहीं है। पटेल एमवाय से डिस्चार्ज हो चुके हैं और अब उन्हें भर्ती करने का कोई औचित्य नहीं है।
कमल पटेल को आखिरकार शुक्रवार को जेल जाना पडा। हाल ही उनको हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी, कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। पटेल पर साक्ष्य छुपाने का आरोप है। सीबीआई ने दुर्गेश जाट हत्याकांड में साक्ष्य छुपाने के मामले में 19 मई को भोपाल से पटेल को गिरफ्तार किया था। उसके बाद पटेल को कोर्ट ने 3 जून तक सीआई जेल भेजने के आदेश दिए थे। उसी दिन से वह अस्पताल में भर्ती रहे।

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